दिल्ली में कोविड-19 के कारण 13 से 15 जनवरी के बीच कुल 89 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से केवल 36 प्रतिशत लोगों ने ही टीके की दोनों खुराक ली थीं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 13 से 25 जनवरी के बीच कोविड-19 के कारण कुल 438 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 94 मरीज ऐसे थे, जिनकी
दिल्ली में कोविड-19 के कारण 13 से 15 जनवरी के बीच कुल 89 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से केवल 36 प्रतिशत लोगों ने ही टीके की दोनों खुराक ली थीं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 13 से 25 जनवरी के बीच कोविड-19 के कारण कुल 438 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 94 मरीज ऐसे थे, जिनकी मौत का प्रमुख कारण वायरस से संक्रमण था.
आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में अधिकतर मरीज गुर्दे, कैंसर और फेफड़े संबंधी अन्य जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे. दिल्ली सरकार की द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 23 जनवरी के बीच 2,503 कुल नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गयी, जिनमें से 79 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई. कोविड-19 महामारी की दूसरी भीषण लहर के दौरान कहर बरपाने वाले वायरस के डेल्टा स्वरूप की पुष्टि 13.70 प्रतिशत नमूनों में हुई.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शहर में कोविड-19 के हालात में सुधार होने के बाद सप्ताहांत कर्फ्यू हटाने, गैर-जरूरी सामान की दुकानें खोलने की सम-विषम प्रणाली समाप्त करने, सिनेमाघरों और रंगमंच को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का बृहस्पतिवार को फैसला लिया. अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई डीडीएमए की बैठक में यह फैसले लिए गए. उन्होंने बताया कि स्कूलों को खोलने के संबंध में अंतिम फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकारी दफ्तरों को 50 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम करने की अनुमति दी गई है.
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